करबला। पैगंबर मोहम्मद के नवासे की शहादत की याद में आयोजित कार्यक्रम में आज करबला में लाखों की तादाद में शिया जायरीन जमा हुए। अतीत में शिया जायरीन पर इस्लामिक स्टेट समूह समेत चरमपंथी संगठनों के हमलों के मद्देनजर इन जायरीन की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल के तकरीबन 25 हजार कर्मियों को तैनात किया गया है।
इस साल जायरीन ने इराकी कुर्द नेता मसूद बरजानी के खिलाफ नारे लगाए। जायरीन बरजानी पर आरोप लगा रहे थे कि वह देश का बंटवारा करा रहे हैं और कह रहे थे कि वे कभी किरकुक नहीं देंगे।
बरजानी के स्वायत्तशासी क्षेत्र में 25 सितंबर को जनमत संग्रह हुआ जिसमें इराकी कुर्दिस्तान की स्वतंत्रता के लिए मतदाताओं ने जबरदस्त बहुमत से आजादी के पक्ष में मतदान किया। यह जनमत संग्रह किरकुक शहर और अन्य विवादित इलाकों में भी हुए।
दसवीं मुहर्रम के अवसर पर पवित्र नगर कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन का शोक मनाने के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कर्बला पहुंचे हैं जबकि इराक़ सरकार का कहना है कि ज़ायरों और तीर्थयात्रियों की रक्षा और उनको सुविधाएं प्रदान करने के लिए चार हज़ार स्वयं सेवियों को तैनात किया गया है।
पवित्र नगर कर्बला में ईरान, भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बहरैन, सऊदी अरब सहित दुनिया के बहुत से देशों से दसियों लाख की संख्या में श्रद्धालु मौजूद हैं। ईरान के ईलाम प्रांत के परिवहन विभाग के प्रबंधक का कहना है कि मेहरान की ज़मीनी सीमा से लगभग 92 हज़ार ईरानी श्रद्धालु आठ दिनों के भीतर कर्बला गये हैं।
इस्ना ने रिपोर्ट दी है कि इराक़ के वरिष्ठ धर्मगुरु के प्रतिनिधि अब्दुल महदी कर्बलाई के आदेश के बाद, लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं जबकि कर्बला के आसपास के दूसरे शहरों और समस्त प्रवेश द्वार पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गये और सार्वजनिक गाड़ियों के शहर में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है।
हज़रत इमाम हुसैन और हज़रत अब्बास अलैहिमस्सलाम के रौज़ों के निकट लगभग एक हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं जबकि श्रद्धालुओं से सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की अपील की गयी है।
कर्बला पुलिस के प्रवक्ता अला अलग़ानेमी ने कहा है कि आशूरा के जूलूसों की समाप्ति के बाद ही गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया जाएगा। इसी मध्य इराक़ के तेल मंत्रालय ने कर्बला प्रांत में तीर्थयात्रियों की आवश्यकताओं को दूर करने के लिए एक करोड़ दस लाख लीटर से अधिक तेल की सप्लाई की सूचना दी है।
मिस्र में शिया मुसलमानों और हुसैनी अज़ादारों ने क़ाहिरा की इमाम हुसैन नामक मस्जिद बंद किए जाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की है।
अलयौमुस्साबे की रिपोर्ट के अनुसार, क़ाहिरा में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम नामक मस्जिद के प्रवेश द्वारा पर सैकड़ों की संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बावजूद हज़ारों की संख्या में शीया मुसलमान और इमाम हुसैन से श्रद्धा रखने वालों ने प्रदर्शन किए और सरकार के इस फ़ैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है।
मिस्र के वक़्फ़ मंत्रालय ने शनिवार को नवीं और दसवीं मुहर्रम के आगमन के अवसर पर इमाम हुसैन मस्जिद को बंद कर दिया और श्रद्धालुओं से कहा कि वह मस्जिद से निकट आने का प्रयास न करें।
मिस्र के वक़्फ़ मंत्रालय की इस कार्यवाही का कारण, हुसैनी अज़ादारों और कट्टरपंथियों के बीच टकराव को रोकना बताया जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मिस्र के कुछ कट्टरपंथी गुटों ने शिया मुसलमानों को मस्जिद में प्रवेश की धमकी दी थी। कट्टरपंथियों ने धमकी दी थी कि यदि शिया मुसलमानों ने इमाम हुसैन मस्जिद में घुसने का प्रयास किया तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
क़ाहिरा के शिया मुसलमानों ने मस्जिद के द्वार पर एकत्रित होकर पवित्र स्थलों को बंद करने और उनको अज़ादारी से रोकने के बजाए सरकार से शिया समुदाय और उनके पवित्र स्थलों की सुरक्षा की मांग है। ज्ञात रहे कि एक रिवायत के अनुसार कर्बला की घटना के बाद क़ाहिरा की उक्त मस्जिद में इमाम हुसैन अलैहिस्लाम का सिर दफ़्न है।