लखनऊ : मौलाना सलमान नदवी ने श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के बाद देर रात खुद को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर निर्माण के मुद्दे से खुद को अलग-थलग कर लिया है। हैरत की बात यह है कि दिन में मौलाना सलमान नदवी ने श्री श्री से अपने कुछ लोगों के साथ मुलाकात की थी और तस्वीरें भी उतारी गई थीं, लेकिन श्री श्री से बातचीत के बाद उन्होंने अचानक यह घोषणा कर दी कि वह अब इस समस्या से अलग होना चाहते हैं
राजनीतिक हलकों में इस घोषणा पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं.लेकिन अब मौलाना सलमान नदवी अपने पुराने स्टैंड पर वापस आ रहे हैं और उनका कहना है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए उसका इंतजार किया जाना चाहिए।
याद रखें, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पिछले हफ्ते सलमान नादवी ने अपने जैसे के दौरान हैदराबाद में बोर्ड की निति के खिलाफ स्पष्ट रूप से विद्रोह किया और बल दिया कि अदालत के बाहर यह जटिल समस्या हल होनी चाहिए। बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने उनके स्टैंड निंदा की थी, जिसके कारण मौलाना को बोर्ड से निकल दिया गया था.
कल सुबह मुंशी नवल किशोर प्रेस के परिवार एक व्यक्ति लव भार्गव के निवास पर उन्होंने मौलाना नदवी और कुछ लोगों से मुलाकात और बात चीत की जिसमें यह तय हुआ था कि अब 28 मार्च को एक बैठक बुलाई जाएगी ताकि आम सहमति तैयार हो सकता है
लेकिन रात ढलने से कुछ पहले से ही मौलाना सलमान नदवी ने अचानक यह घोषणा कर दी कि वह खुद को इस समस्या से अलग करना चाहते हैं क्योंकि वह अयोध्या मामले में कोई पक्ष नहीं हीं.ानके बकौल अब अयोध्या में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का मुद्दा उनके एजैंडे मैं इसमें शामिल नहीं होता। मालाना सलमान नडवी भी आश्वस्त हैं कि मीडिया ने उनकी बात तोड़ दी और इसी तरह के आरोपों को तोड़ दिया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने जस तरह से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में फूट डालने में सफलता हासिल की थी अब सलमान नदवी को अगर बोर्ड वापस भी लेता है तो उनकी साख पर सवालिया निशान लगा रह सकता है
इस सिलसिले में मौलाना नदवी ने एक बयां वीडियो के द्वारा जारी किया है जो फेसबुक पैर अपलोड किया गया.मौलाना ने बोर्ड के सदर मौलाना राबे नदवी और मौलाना अरशद मदनी के प्रति अपनी आस्था प्रकट की और कहाँ के इन दोनों को परेशां देखता हूँ तो मुझे तकलीफ होती है .मैं भी इस नतीजे पर पहुंचा हूँ के मुल्क के हिन्दू और मुस्लमान टेंशन में हैं और वह किस बाहरी समझौते के लिये तैयार नहीं हैं .इस लिये अब अदालत के फैसला का ही इंतज़ार करना होगा .
याद रहे पर्सनल लॉ बोर्ड और आम मुसलमानों ने भी मौलाना नदवी के इस रुख की निंदा की थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अलावा अयोध्या समस्या अदालत के बाहर हिंदू और मुसलमान तय लें.ास संबंध में मौलाना सलमान नदवी काफी नकारात्मक प्रभाव वे मजबूर थे और उनका स्वास्थ्य खराब था।