बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन द्वारा दिखावे के चुनाव आयोजित कराने के प्रयास के विरुद्ध जनता के विरोध में वृद्धि हो गई है।चौदह मार्च की क्रांति नामक संगठन ने एक बयान जारी करके बहरैन की जनता से अपील की है कि वह दिखावे के इन संसदीय चुनावों का बहिष्कार करे।
बयान में कहा गया है कि सरकार ने इन चुनावों के माध्यम से बहरैनी जनता और वर्षों से जेलों में बंद सरकार विरोधी नेताओं के सभी राजनैतिक अधिकारों की अनदेखी की है। इस संगठन ने इसी प्रकार कहा है कि इन चुनावों से अपने भविष्य के निर्धारण, शासन व्यवस्था के चयन और जनता का रक्तपात करने वालों पर मुक़द्दमा चलाने के जनता के अधिकार का हनन होगा।
यह ऐसी स्थिति में है कि जब बहरैन की जनता ने हालिया दिनों में लाखों की संख्या में प्रदर्शन करके आले ख़लीफ़ा सरकार की ओर से दिखावे के संसदीय चुनावों के आयोजन का विरोध किया है। बहरैन नरेश शैख़ हमद बिन ईसा आले ख़लीफ़ा ने आदेश दिया है कि 22 नवम्बर को देश में संसदीय चुनाव आयोजित कराए जाएं।