भारतीय जनता पार्टी के नेता विनय कटियार की ओर से हाल ही में राम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून बनाने की मांग किए जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि अयोध्या मामले का हल कानून से नहीं, बल्कि अदालत से होगा।
पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा कि यह कहा गया है कि क़ानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण किया जाए, लेकिन यह नहीं हो सकता क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। हमने पहले ही कहा है कि मामले का समाधान क़ानून से नहीं, बल्कि न्यायालय से होगा।
उन्होंने कहा कि यह मामला अब उच्चतम न्यायालय में है और वहां से जो भी फैसला आएगा, वो हमे स्वीकार्य होगा। कुरैशी ने कटियार के उक्त बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कटियार सरकार में अपनी भूमिका चाहते थे और उन्हें यह नहीं मिली। अब वह अपना महत्त्व दिखाना चाहते हैं। हम उनके बयान को महत्त्व नहीं देते।
कुरैशी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले पर कानून नहीं बनाया जा सकता क्योंकि सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके बयान से कुछ दिनों पहले गृह मंत्री का एक बयान आया था कि राम मंदिर के निर्माण के लिए क़ानून नहीं बनाया जा सकता क्योंकि राज्यसभा में बहुमत नहीं है।
दूसरी ओर उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में ही अयोध्या में राम मंदिर बनेगा और ऐसा करने के लिए अभी सरकार के पास चार साल हैं।