उन्नाव/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में कथित खजाने की खोज में जुटी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने गुरुवार को छठे दिन कड़ी सुरक्षा के बीच डौंडियाखेड़ा में 25 सेंटीमीटर खुदाई की, लेकिन खुदाई में न तो सोना मिला और न ही सोना मिलने के आसार नजर आ रहे हैं।
उन्नाव के उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) विजय शंकर दुबे ने गुरुवार को बताया कि डौंडियाखेड़ा स्थित राजा राव रामबख्श सिंह के खंडरनुमा किले में छठे दिन 25 सेंटीमीटर खुदाई हुई। दुबे ने बताया कि अब तक छह दिनों में कुल 2.17 मीटर खुदाई की जा चुकी है। आज की खुदाई में कांच की चूड़ियां, मिट्टी के कुछ टूटे बर्तन मिले हैं, जो पुरातात्विक महत्व के हो सकते हैं। इसके अलावा, घोड़े की टांग, कछुआ का खपरैल, टूटी चूड़ियां और एक रसोई का चूल्हा मिला है।
इससे पहले खुदाई में मिली प्राचीन दीवार, खंभे का हिस्सा, मिट्टी के टूटे बर्तन, लोहे की कीलें और कांच की चूड़ियों का एएसआई अधिकारियों द्वारा गहन परीक्षण किया जा रहा है। सदियों पुरानी ये चीजें पुरातात्विक महत्व की बताई जा रही हैं। खुदाई स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र की बैरीकेडिंग की गई है। मीडिया को बैरीकेडिंग से आगे जाने की मनाही है। खुदाई में खजाना मिलने की संभावना क्षीण होते देख वहां पहुंचे लोगों की भीड़ लगभग छंट चुकी है। भीड़ के नाम पर केवल पुलिसकर्मी और कुछ स्थानीय मीडियाकर्मी ही बचे हैं।
खनन स्थल पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक तौकीर अहमद ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा के इंतजाम पहले की तरह हैं। पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के करीब 175 जवान 24 घंटे नजर रखे हुए हैं। गौरतलब है कि संत शोभन सरकार के सपने के आधार पर डौंडियाखेड़ा में राजा राव रामबख्श सिंह के किले की खुदाई की जा रही है। बाबा ने किले में जमीन के नीचे एक हजार टन सोना दबे होने का सपना देखा था।
उधर, वाराणसी में अधिवक्ता कमलेश त्रिपाठी ने रामबक्श सिंह के किले में एक हजार टन सोना होने का दावा करने वाले संत शोभन सरकार और उनके शिष्य ओम जी महाराज पर अंधविश्वास को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए दोनों के खिलाफ गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडादिकारी (एसीजेएम-6) की अदालत में परिवाद दायर किया, जिस पर अदालत 11 नवंबर को सुनवाई करेगी।