तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में शियों की जामा मस्जिद “मुहम्मदिया” को कल रात नामालूम लोगों द्वारा आग लगा दी गई। अज्ञात लोगों द्वारा यह आपराधिक कार्यवाही ऐसी स्थिति में अंजाम पाई है कि पिछले सप्ताह इस मस्जिद के नमाज़ियों को धमकियों पर आधारित पत्र प्राप्त हुए थे।
मस्जिद में लगाई गई आग में मस्जिद की लाईब्रेरी, मिम्बर और फर्श जल कर राख हो गया जबकि फ़ायर ब्रिगेड की मदद से आग पर जल्दी ही कंट्रोल कर लिया गया। तुर्की की शिया उल्मा काउंसिल ने देश में शिया और अलवियों के विरूद्ध वहाबियों के षड़यंत्रों के प्रति चेतावनी दी है।
शिया उल्मा काउंसिल के प्रमुख हसन काराबोल्त ने सरकारी अधिकारियों से मांग की है कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने बल दिया इस तरह के कार्रवाहियों के पीछे इस्लाम दुश्मन सल्फ़ी समूहों दाइश और अल-नुसरह जैसे आतंकी गुटों का हाथ है और अधिकारियों को सावधान रहना होगा तथा शियों और अलवियों की रक्षा करनी होगी।
उन्होंने मस्जिद के जलाए जाने पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि रमज़ान के पवित्र महीने में अल्लाह के घर और उसमें मौजूद कुरान के नुस्खों को आग लगाना कौन सा इस्लाम हैं? गौरतलब है कि तुर्की के शियों और अलवियों को पहले भी कई बार सल्फ़ियों द्वारा जान से मार देने की धमकियां मिल चुकी हैं।