सऊदी अरब के एक न्यायालय की ओर से इस देश के वरिष्ठ शीया धर्मगुरू आयतुल्लाह निम्र बाक़ेरुन्निम्र को फांसी दिये जाने के आदेश की हर ओर आलोचला हो रही है।
एमनेस्टी इंटरनैश्नल ने सऊदी अरब के अपराध न्यायलय की प्रक्रिया की आलोचना करते हुए इस आदेश को झिंझोड़ देने वाला आदेश बताया। एमनेस्टी इंटरनैश्नल ने आयतुल्लाह निम्र बाक़ेरुन्निम्र को फांसी दिये जाने के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव के प्रवक्ता ने भी कहा है कि राष्ट्रसंघ की नीति मृत्युदंड के विरूद्ध है।
उधर बहरैन के अलवेफ़ाक़ आन्दोलन ने एक बयान जारी करके कहा है कि सऊदी न्यायालय का यह आदेश सऊदी सरकार के विरुद्ध विरोध की प्रक्रिया को तेज़ कर देगा। इस बयान में वरिष्ठ शीया धर्मगुरू आयतुल्लाह निम्र बाक़ेरुन्निम्र को तत्काल स्वतंत्र किये जाने की मांग की गई है।
इसी बीच ईरान के विदेश मंत्रालय में अरब तथा अफ्रीकी मामलों के प्रभारी ने कहा है कि यह आदेश मुसलमानों की भावनाओं को भड़का देगा और इसपर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं सामने आएंगी। अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि सऊदी अरब के न्यायालय को इस बारे में पुनर्विचार करके इस आदेश को वापस लेना चाहिए क्योंकि यह वास्तविकता के विपरीत आदेश है।
ज्ञात रहे कि बुधवार को सऊदी अरब के न्यायालन इस देश के वरिष्ठ शीया धर्मगुरू आयतुल्लाह बाकिर अन्निम्र को मृत्यु दंड देने का आदेश जारी किया था।
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