सऊदी अरब की ओर से सुरक्षा परिषद की सदस्यता रद्द करने के फ़ैसले की अमरीका ने अनदेखी कर दी।
अमरीकी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता जेन पेसाकी ने सऊदी अरब की ओर से सुरक्षा परिषद की सदस्यता से इन्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है और हर देश की अपना एक मत हो सकता है। इस संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह सऊदी अरब का अपना फ़ैसला है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है जो कई मुद्दों के संबंध में वह निभाती है। उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले के बावजूद सऊदी अरब के साथ परस्पर मामलों पर मिलकर काम जारी रखेंगे।
दूसरी ओर रूस ने सऊदी अरब के फ़ैसले की कड़ी निंदा की है। रूस की विदेशमंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि रूस को सऊदी अरब के इस अप्रत्यक्ष निर्णय से आश्चर्य हुआ। रूस विदेशमंत्रालय के बयान में आया है कि सीरिया के मुद्दे पर सऊदी अरब द्वारा सुरक्षा परिषद की आलोचना बहुत ही आश्चर्य जनक क़दम है।
सुरक्षा परिषद के 5 अस्थायी सदस्यों के चयन में सऊदी अरब का नाम भी शामिल था किंतु सऊदी अरब ने कहा है कि वह सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्य की सीट नहीं संभालेगा क्योंकि अनेक मामलों में उसे सुरक्षा परिषद के क्रियाकलापों और दोहरे मापदंडों पर आपत्ति है। ज्ञात रहे कि सीरिया संकट में सऊदी अरब ने अन्य देशों से बढ़कर हस्तक्षेप किया और आतंकवादी संगठनों की भरपूर सहायता की, सऊदी अरब ने क़तर के साथ मिलकर अमरीका से मांग की कि वह सीरिया पर सैनिक आक्रमण कर दे किंतु अमरीका ने आक्रमण की धमकियों के बाद राजनैतिक समाधान की बात शुरू कर दी जिस पर सऊदी अरब को गहरी आपत्ति है।