अ0भा0 कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार नोटबन्दी की सम्पूर्ण विफलता के खिलाफ कांग्रेसजनों द्वारा पूरे देश में धरना-प्रदर्शन कर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने वाली भाजपा सरकार का पर्दाफाश किये जाने के क्रम में उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राजबब्बर जी सांसद के निर्देश पर आज उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटियों द्वारा पुरजोर धरना-प्रदर्शन किया गया तथा नोटबन्दी के दौरान आम जनता को हुई परेशानियों का हिसाब प्रधानमंत्री से मांगा गया।
इसके तहत राजधानी लखनऊ में जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में कांग्रेसजनों द्वारा रिजर्व बैंक आफ इण्डिया मुख्यालय, गोमतीनगर लखनऊ के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डाॅ0 उमा शंकर पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश भर के जिला एवं शहर कांग्रेस अध्यक्षों, वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में सभी जिला/शहर मुख्यालयों में नोटबन्दी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। कानपुर में आरबीआई मुख्यालय के सामने कांग्रेसजनों द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि आर0बी0आई0 मुख्यालय के सामने हुए प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि नोटबन्दी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपरिपक्वता एवं भ्रष्टाचार में संलिप्तता का उदाहरण बन गयी है। नोटबन्दी लागू करते हुए जो वादे देश की जनता से उन्होने किये थे वह सब झूठ और बेइमानी साबित हुए है।
यूपीए सरकार की तुलना में जीडीपी दो प्रतिशत गिर गई जिससे तीन लाख मिलियन डालर का नुकसान देश को झेलना पड़ा है और लाखों युवा बेरोजगार हो गये। नोटबन्दी एक संगठित लूट थी। उन्होने सरकार से नोटबन्दी पर श्वेतपत्र लाने की मांग की। साथ ही उन्होने यह भी पूछा है कि नोटबन्दी के असली लाभार्थी कहां हैं? इसका उद्देश्य काले धन को खत्म करना था किन्तु बैंकों में 99.3प्रतिशत मुद्रा वापस आ गयी तो कालाधन कहां गया?
इस मौके पर प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता श्री दीपक सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबन्दी लागू करते हुए देश की जनता से यह वादा किया था कि मुझे मात्र 50 दिन दे दीजिए अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जायेगी, लेकिन आज नोटबन्दी के 730 दिन बीत जाने के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होने के बजाय बदहाल एवं चैपट हो गयी है। आतंकवाद, नक्सलवाद समाप्त होने का वादा भी जुमला साबित हुआ। उन्होने सरकार से पूछा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी, एनपीए बढ़ता जा रहा है और रिजर्व बैंक असहाय क्यों है?
पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी ने नोटबन्दी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तानाशाही एवं कुछ उद्यमी मित्रों को फायदा पहुंचाने वाला कदम बताया। उन्होने पूछा है कि मुद्रा स्फीति अपने उच्चतम स्तर पर होने के बावजूद सरकार असहाय क्यों है?
पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि नोटबन्दी सरकार प्रायोजित खुली लूट थी जिससे देश के तमाम भ्रष्ट लोगों का काला धन सफेद किया गया जो देश के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात था। उन्होने प्रधानमंत्री से पूछा कि अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में कमी के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्यों नहीं कम हो रही हैं, डालर के मुकाबले रूपया लगातार कमजेार क्यों हो रहा है क्या यह नोटबन्दी एवं गलत तरीके से जीएसटी लागू करने का दुष्परिणाम नहीं है?
विधायक श्रीमती आराधना मिश्रा‘मोना’ ने कहा कि नोटबन्दी से करोड़ों आम एवं मध्यम वर्गीय नागरिकों को घोर कठिनाई उठानी पड़ी थी। सैंकड़ों लोग लाइन में लगने से मौत के गाल में समां गये, लेकिन दो वर्षों के बाद नोटबन्दी का कोई भी फायदा भाजपा की मोदी सरकार नहीं बता पा रही है और नोटबन्दी पर पूछे जा रहे सवालों से बचने का प्रयास कर रही है। उन्होने प्रधानमंत्री से पूछा है कि आप द्वारा जल्दबाजी में लिये गये निर्णय के कारण अपने परिवार के लिए रखी आजीवन बचत जिन महिलाओं ने खो दी उन महिलाओं के लिए उनका क्या जवाब है?
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शहर अध्यक्ष बोधलाल शुक्ला एड., जिलाध्यक्ष गौरव चैधरी, पूर्व मंत्री राजबहादुर, पूर्व विधायक सतीश अजमानी, विनोद चैधरी, हाजी सिराज मेंहदी एवं श्यामकिशोर शुक्ला, पूर्व सांसद ए0पी0 गौतम, डाॅ0 आर0पी0 त्रिपाठी, सुश्री अनुसुइया शर्मा, नईम सिद्दीकी, हनुमान त्रिपाठी, वीरेन्द्र मदान, शिव पाण्डेय, श्री प्रमोद सिंह, सरबजीत सिंह मक्कड़, राजीव बख्शी, ओंकारनाथ सिंह, अशोक सिंह, सुबोध श्रीवास्तव, विनोद मिश्रा, डाॅ0 लालती देवी, रमेश मिश्रा, अमित श्रीवास्तव त्यागी, अनीस अंसारी, डा0 उमाशंकर पाण्डेय, विशाल राजपूत, पंकज तिवारी, डा0 अनूप पटेल, अंशू अवस्थी, मुकेश सिंह चैहान, सचिन रावत, श्रीमती रफत फातिमा, प्रदीप सिंह, अभिषेक राज, डाॅ0 मंजू दीक्षित, के0के0 पाण्डेय, गिरीश मिश्रा, नरेश बाल्मीकि, श्रीमती प्रियंका गुप्ता, पुष्पेन्द्र सिंह, सम्पूर्णानन्द, डाॅ0 जियाराम वर्मा, अरशी रजा, शैलेन्द्र तिवारी, शंकरलाल गौतम, श्रीमती सुशीला शर्मा, श्रीमती सुनीता रावत, श्रीमती सिद्धिश्री, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती शीला मिश्रा, शकील फारूकी, श्री नसीम खान, श्री विजय बहादुर, श्री प्रदीप कनौजिया, गोपालकृष्ण पाण्डेय, श्रीमती गौरी पाण्डेय, श्रीमती ललिता शर्मा, श्रीमती सोनिया लारी, हरिओम कठेरिया, शिव प्रसाद सुदर्शन, आनन्द प्रताप सिंह, अयाज खान अच्छू, राजेश सिंह काली, श्री नितिन शर्मा, शैलेन्द्र दीक्षित, श्री हरनाम सिंह चैहान, अनूप गुप्ता, राकेश पाण्डेय, सुशील तिवारी सोनू पंडित, सोमेश सिंह चैहान, मनोज तिवारी, श्री दीपेन्द्र मिश्रा, श्री मनोज पाठक, लुकमान सिद्दीकी, रामपाल यादव, संदीप मैसी, चन्द्रप्रकाश, प्रभाकर मिश्रा, रनवीर सिंह कलसी, दिलप्रीत सिंह, आकाश तिवारी, मो0 अयूब सिद्दीकी, के0के0 शुक्ला, श्री जे0पी0 मिश्रा, सुधांशु बाजपेयी, श्री बलदेव सिंह लाटी, दुर्गा शंकर दुबे, रोशन यादव, नीरज चैहान, ओम प्रकाश पाल, आदित्य चैधरी, सुरजीत सिंह, विकास त्रिपाठी, गौरव शुक्ला, रंजीत, शब्बीर हाशमी, संजय यादव, प्रभात गुप्ता सहित सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।