11 सितंबर की घटना को आज 13 साल हो गए लेकिन अमरीका में आज भी इन धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है। 11 सितंबर अमरीकी इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हुआ। 19 आतंकवादियों ने सुपर पावर की सुपर सुरक्षा को धता बताते हुए विश्व व्यापार केन्द्र की जुड़वा इमारतों को राख का ढेर बना दिया।
इस घटना से अमरीकी अर्थव्यवस्था को 10 अरब डालर का नुक़सान पहुंचा, 3 हज़ार लोग इस घटना में मारे गए, 6 हज़ार से ज़्यादा घायल होने वाले आज भी इस घटना को याद करते हैं।
घटनास्थल पर बनाया गया म्यूज़ियम हर साल अमरीकियों को इस घटना की याद दिलाता रहेगा जिसने न केवल अमरीका बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई की एसी आग में झोंक दिया कि जिसके बुझने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि यह आग कब बुझेगी।
इस घटना के लिए अमरीका ने अलक़ाएदा को ज़िम्मेदार ठहराया और आतंकवाद के ख़िलाफ़ विश्व युद्ध की घोषणा की किन्तु इसके बावजूद ग्यारह सितंबर की घटना के ज़िम्मेदारों और इस घटना पर अमरीका की प्रतिक्रिया पर बहुत से हल्क़ों की ओर से अलग अलग तरह की अटकलें जारी हैं।