नयी दिल्ली, 20 मार्च भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई, जिन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपना नामांकन स्वीकार करने के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा,उन्होने ने कहा कि पांच से छह लोगों की एक लॉबी के शिकंजे के कारण न्यायपालिका खतरे में है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गोगोई ने कहा कि यह लॉबी न्यायाधीशों को बदनाम करना चाहती है जो उनके पक्ष में निर्णय नहीं लेते हैं।
उन्होंने कहा, “न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है पांच से छह के शिकंजे को समाप्त करना।” जब तक इस शिकंजे को नहीं हटाया जाता, न्यायपालिका मुक्त नहीं हो सकती। उन्होंने जजों को किसी तरह से कैदी बनाया है।
Article 50 of the constitution disagrees with you Mr.Gagoi.
Ex-CJI Ranjan Gogoi: Accepted RS offer for greater cohesion between judiciary and legislature | India News,The Indian Express https://t.co/gfDUibLc9w
— Lavanya Ballal Jain (@LavanyaBallal) March 18, 2020
यदि किसी भी मामले में यह उनकी इच्छा के लिए नहीं है, तो वे न्यायाधीशों को हर तरह से संभव मानते हैं। मैं उन न्यायाधीशों का आभारी हूं जो लॉबी का कहना नहीं मानते और चुपचाप रिटायर हो जाते हैं।
https://twitter.com/Sajjadullah1744/status/1240150753332912128?s=20
उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि राज्यसभा में उनका नामांकन अयोध्या और राफेल पर उनके फैसले के लिए एक इनाम था। उन्होंने कहा कि उस लॉबी का कहना न मैंने के लिए बदनाम किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि यदि कोई न्यायाधीश अपनी अंतरात्मा के अनुसार निर्णय देता है। यदि वे नहीं करता हैं, तो वे एक न्यायाधीश के रूप में ईमानदार नहीं हो सकता ।
Ranjan Gagoi should be boycotted by all through all means. All his cases must be reopened for review. https://t.co/O0k0alALeT
— Ravi Raj Vasudev (@RaviRajVasudev) March 20, 2020