जयपुर. बक्सावाला स्थित जेडीए कॉलोनी में बुधवार को पानी से भरे गहरे गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की जान चली गई। जबकि पानी में डूब रहे तीन बच्चों की नजदीक खेल रहे दो बच्चों ने हौंसला व सूझबूझ दिखाकर जान बचा ली। घटना के बाद सांगानेर सदर थाना पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची। तब तक स्थानीय लोगों ने दोनों बच्चों के शव को बाहर निकाल लिया।
जानकारी के अनुसार हादसे में गोरु सिंह (10) पुत्र शेरसिंह और हरी (12) पुत्र बालीराम की मौत हो गई। बक्सावाला में खाली भूखंड पर बने गड्ढे में करीब आठ से दस फीट गहराई तक बरसाती पानी भरा हुआ है। बुधवार शाम करीब 4:30 बजे गोरु सिंह, हरी, लोकेश समेत कुछ बच्चे इस पानी में नहाने गए थे। तैरते हुए गोरु व हरी गहराई में चले गए। वे डूबने लगे। यह देखकर तीन चार बच्चे बाहर निकलकर भाग गए। वे शोर मचाने लगे। तब नजदीक खेल रहा राहुल खन्ना और उसका दोस्त मोहित दौड़कर वहां पहुंचे।
राहुल और मोहित ने तीन को बचाया
राहुल ने गड्ढे में छलांग लगा दी। उसने पानी में डूब रहे लोकेश व दो युवकों को एक एक कर पकड़ा और उन्हें किनारे तक लाकर बाहर खड़े साथी मोहित को पकड़ाकर बाहर निकाला। उनकी छाती दबाकर पानी निकालने की कोशिश भी की। राहुल के मुताबिक तीन जनों को निकालने के बाद उसने देखा कि गोरु व हरी गहराई में डूब रहे थे। वह दौड़ता हुआ बाहर गया और आसपास मौजूद कुछ लोगों को घटना के बारे में बताया। लोग वहां पहुंचे।
कृत्रिम सांस देकर एक को बचाया
उन्हें कृत्रिम श्वसन देकर बचाने की कोशिश की। इसके बाद महात्मा गांधी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, जबकि लोकेश को जिसकी जान बचाई। उसे जयपुरिया अस्पताल रैफर कर दिया। उसका उपचार चल रहा है। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने आपदा प्रबंधन टीम की मदद से गड्ढे में किसी अन्य बच्चे के डूबा होने की आशंका से तलाशी करवाई।
सड़क बनाते वक्त खोदी गई थी मिट्टी
स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले साल बक्सावाला में सड़क बनाते वक्त ठेकेदारों ने कुछ जगहों पर जेसीबी से खुदाई करवाकर मिट्टी निकाली थी। इससे वहां गहरे गड्ढे हो गए। लेकिन इन्हें भरवाया नहीं गया। यदि समय रहते ऐसा होता तो हादसा नहीं होता। ग्रामीणों का कहना है कि यह लापरवाही उनके बच्चों पर भारी पड़ गई। बच्चों के परिजनों का कहना है आखिर इन बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन होगा।