कानपुर. कानपुर में लव जिहाद के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पुलिस की जांच में पता चला कि टेबल टेनिस खिलाड़ी और आरोपी वसीम उर्फ राज का निकाहनामा फर्जी है। शहर काजी मुफ्ती मौलाना आलम रजा खां नूरी ने इस बात की तस्दीक की है। उन्होंने बताया कि निकाहनामा बाजार से खरीदा गया है, जो काफी सस्ती कीमत पर मिलती है। साथ ही इसपर जो हस्ताक्षर किए गए हैं, वह भी फर्जी है।
शहर मुफ्ती ने बताया कि निकाहनामा पर किसी भी काजी या मौलाना का नाम नहीं लिखा है। जिस कॉलम में काजी या मौलाना के हस्ताक्षर किए जाते हैं, उसपर फारसी भाषा में ‘यके अज बन्दिगाने खुदा’ लिखा है। इसका अर्थ ‘अल्लाह का एक बन्दा’ होता है। साथ ही निकाहनामा के पते वाले कॉलम में बेगम पुरवा कानपुर दर्ज है।
दो गवाह के नाम भी दर्ज
पुलिस की मानें, तो इस फर्जी निकाहनामा में दो गवाह के तौर पर मोहम्मद शकील और मोहम्मद दानिश के नाम लिए हुए हैं। मोहम्मद रईस नाम के एक वकील का भी नाम दर्ज है। इसमें पीड़िता का नाम महरीन लिखा है। साथ ही मेहर के तौर पर 5100 रुपए का जिक्र भी है।