जहाँ एक तरफ प्रदेष की बिजली कम्पनियों द्वारा बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी कराने के लिए नये-नये षड़यंत्र किये जा रहे हैं, वहीं कल पावर कार्पोरेषन द्वारा जारी नियम विरूद्ध आदेष नारमेटिव बिलिंग के मामले में माननीय विद्युत नियामक आयोग में पावर कार्पोरेषन के अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेषक, निदेषक (वाणिज्य) व सभी बिजली कम्पनियों के एम0डी0 को तलब किया गया है, जिसमें व्यापक सुनवाई भी आयोग द्वारा 11ः30 बजे की जायेगी।
पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड़ यह आ गया है कि प्रदेष के विद्युत उपभोक्ताओं का पक्ष रखने के लिए उपभोक्ता हित व लोकहित में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेष कुमार वर्मा को माननीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा कल इस सुओ मोटो कार्यवाही में पक्षकार नामित किया गया है। कल का दिन उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही अहम् होने वाला है जिसमें प्रदेष के लगभग 40 लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली कम्पनियों द्वारा किये गये उत्पीड़नात्मक गंभीर मसले पर आयोग द्वारा अहम फैसला लिया जायेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि कल बिजली कम्पनियों के सभी उच्च प्रबन्धन व उपभोक्ता परिषद के बीच उपभोक्ताओं के हित में महामुकाबला होगा, जिसमें उपभोक्ता परिषद का ऐलान है कि वह ‘‘करो या मरो’’ की तर्ज पर उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए दर्जनों विधिक साक्ष्य आयोग के सामने पेष किये जायेंगे। यह पहला मौका होगा, जब बिजली कम्पनियों के आला अधिकारी कटघरे में होंगे और उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के विधिक सवालों की बौछार होगी। यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरे प्रदेष में बिजली कम्पनियों द्वारा मनगढ़न्त आदेष कर जबरन वसूली के तहत लगभग 150-200 करोड़ रूपया उपभोक्ताओं से अधिक वसूला गया है।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेष कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा-94 (1) के तहत कल पावर कार्पोरेषन के चेयरमैन सहित सभी बिजली कम्पनियों के प्रबन्ध निदेषकों को आयोग द्वारा नोटिस भेजकर तलब किया गया है जिसमें बिजली कम्पनियों कि खिलाफ उपभोक्ता परिषद द्वारा पूरी तैयारी के साथ बहस की जायेगी। गौरतलब है कि विगत् दिनों पावर कार्पोरेषन के निदेषक वाणिज्य श्री संजय सिंह द्वारा बिना मीटर उपभोक्ताओं के लिए वसूली हेतु नारमेटिक बिलिंग के आधार पर शहरी घरेलू उपभोक्ताओं से 155 यूनिट प्रति किलोवाट प्रतिमाह व घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं से 120 यूनिट प्रति किलोवाट प्रतिमाह के हिसाब से वसूली का आदेष जारी कर दिया गया था और उसी के आधार पर पूरे प्रदेष में जबरन वसूली चालू है जिसके विरोध में उपभोक्ता परिषद द्वारा विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रत्यावेदन दाखिल किया गया था, जिस पर कल सुनवाई होनी है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि कनेक्षन लेते वक्त मीटर का मूल्य उपभोक्ताओं द्वारा कम्पनियों को दे दिया जाता है ऐसे में मीटर लगाना, न लगाना उनका काम है। ऐसे में उनके द्वारा बिना आयोग की अनुमति के कोई भी बिलिंग वसूली का आदेष जारी नहीं किया जा सकता। पावर कार्पोरेषन द्वारा जो खराब मीटर व जिनके यहाँ मीटर लगा नहीं, के लिए बिलिंग का नया प्राविधान किया गया है वह पूरी तरह विद्युत अधिनियम, 2003 के प्राविधानों व टैरिफ आदेष का खुला उल्लंघन है।